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Hearing Impairment & Deafness and Hard of Hearing in Hindi || श्रवण दोष-बहरापन और सुनने में कठिनाई

Hearing Impairment & Deafness and Hard of Hearing in Hindi || श्रवण दोष-बहरापन और सुनने में कठिनाई 

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Hearing Impairment श्रवण अक्षमता

Hearing Impairment श्रवण अक्षमता का अर्थ सुनने में किसी भी प्रकार का दोष होना, चाहे वह वंशानुगत होने से कान के पीछे किसी भी अंग के खराब होने से हो या वातावरणीय कारणों से।

दूसरे शब्दों में जब कोई व्यक्ति या बालक सामान्य वातावरण में उपस्थित ध्वनि आवाज को अपने कान के किसी भी अंग में खराबी के कारण सानान्य वातावरण की आवाजों को सुनने में असमर्थ होता है तो उसे हम श्रवण बाधित्ता का नाम देते हैं।

जब कोई व्यक्ति या बालक अपने कान के किसी भी अंग की खराबी बीमारी आज के कारण सामान्य रूप से सुनने
वाले व्यक्तियों की आवाज को सुनने की शक्ति में अवरोध उत्पन्न होता है उसे हम श्रवण दोष कहते हैं।

भारतीय पुनर्वास परिषद (1992):- " जब बधिरता 70 dB हो तो व्यवसायिक तथा जब 55dB तक हो तो उसे शिक्षा के लिए प्रयोग में लेना चाहिए।"

विकलांग जन अधिनियम (1995):- "वह व्यक्ति श्रवण बाधित कहा जाएगा जो 60dB या उससे अधिक कठ पर सुनने की क्षमता रखता हो।

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (1991):- "श्रवण बाधित उसे कहा जाता है जो सामान्य रूप से सामान्य ध्वनि को सुनने में अक्षम हो।"

श्रवण शक्ति मौखिक संदेश वाहकता, अधिगम, मानसिक विकास और भाषा का विकास सबसे सशक्त साधन है। वे समस्त बच्चे जिन्हें सुनने के संबंध में कोई कठिनाई है, श्रवण क्षति युक्त बच्चे कहलाते हैं। यह क्षमता दो तरह की होती है।
 
 
क्लार्क के अनुसारः-

10-25 dB सामान्य (Normal)

26-40 dB अति अल्प (Mild)

41-55 dB अल्प (Moderate)

56-70 dB अल्पतम (Moderately)

71-90 dB गंभीर (Severe)

91dB या अधिक अति गंभीर (Profound)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार :-

0-25 dB सामान्य (Normal)
26-40 dB अति अल्प (Mild)
41-55 dB अल्प (Moderate)
56-70 dB अल्पतन (Moderately)
71-90 dB गंभीर (Severe)
91 dB या अधिक अति गंभीर (Profound)
 

Types of Hearing Impairment & Deafness || श्रवण दोष के प्रकार

1. बहरापन (Deafness):

बहरापन का अर्थ है, सुनने की क्षमता का पूरी तरह से या लगभग पूरी तरह से खो जाना। बहरे व्यक्ति सामान्यतः ध्वनियों को नहीं सुन सकते या बहुत कम सुन पाते हैं, और उन्हें संचार के लिए विशेष तकनीकों और उपकरणों की आवश्यकता होती है।

2. सुनने में कठिनाई (Hard of Hearing):

सुनने में कठिनाई वाले व्यक्ति ध्वनियों को सुन सकते हैं, लेकिन उनकी सुनने की क्षमता सामान्य से कम होती है। यह कठिनाई हल्की से लेकर गंभीर तक हो सकती है और व्यक्ति को सुनने के लिए सहायक उपकरणों या विशिष्ट संचार विधियों की आवश्यकता हो सकती है।

Cause of Hearing Impairment & Deafness || श्रवण दोष के कारण

श्रवण दोष के कई कारण हो सकते हैं, जो जन्मजात (Congenital) या अधिग्रहीत (Acquired) हो सकते हैं:

1. जन्मजात कारण (Congenital Causes):

  • आनुवंशिक विकार (Genetic Disorders)
  • गर्भावस्था के दौरान संक्रमण (Infections during Pregnancy)
  • जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी (Lack of Oxygen at Birth)
  • समय से पहले जन्म (Premature Birth)

2. अधिग्रहीत कारण (Acquired Causes):

  • संक्रमण (Infections): जैसे मेनिनजाइटिस (Meningitis), मीज़ल्स (Measles), और मम्प्स (Mumps)
  • चोटें (Injuries): सिर या कान की चोट
  • उम्र से संबंधित श्रवण हानि (Age-related Hearing Loss): जिसे प्रेसबायक्यूसिस (Presbycusis) कहा जाता है
  • शोर का अधिक संपर्क (Exposure to Loud Noise): लंबे समय तक तेज आवाज में रहने से
  • औषधियों के दुष्प्रभाव (Side Effects of Medications): जैसे ओटोटॉक्सिक दवाइयाँ (Ototoxic Drugs)

Symptoms of Hearing Impairment & Deafness || श्रवण दोष के लक्षण

श्रवण दोष के लक्षण व्यक्ति की स्थिति और श्रवण हानि की गंभीरता पर निर्भर करते हैं:

बहरापन के लक्षण:

  • ध्वनियों को बिल्कुल नहीं सुन पाना
  • संचार के लिए सांकेतिक भाषा (Sign Language) या लिप रीडिंग (Lip Reading) का उपयोग

सुनने में कठिनाई के लक्षण:

  • ध्वनियों को स्पष्ट रूप से सुनने में कठिनाई
  • बातचीत के दौरान बार-बार शब्दों को पुनः पूछना
  • टीवी या रेडियो की आवाज को सामान्य से अधिक तेज रखना
  • बातचीत के दौरान विशेष रूप से शोर-शराबे वाले स्थानों में समस्या महसूस करना

Diagnosis and Treatment of Hearing Impairment & Deafness || निदान और उपचार

श्रवण दोष का निदान विभिन्न परीक्षणों और मूल्यांकन के माध्यम से किया जाता है:

1. श्रवण परीक्षण (Hearing Test):

  • ओडियोमेट्री (Audiometry): ध्वनियों की विभिन्न आवृत्तियों और तीव्रताओं को सुनने की क्षमता का परीक्षण
  • ट्यूनिंग फोर्क टेस्ट (Tuning Fork Test): कान की आवाजाही और हड्डियों की कंपन का परीक्षण

2. शारीरिक परीक्षण (Physical Examination):

  • कान, नाक, और गले की जांच

3. चिकित्सा इतिहास (Medical History):

  • पिछले संक्रमण, चोटें, और दवाइयों का उपयोग

श्रवण दोष का उपचार और प्रबंधन व्यक्ति की श्रवण हानि की गंभीरता और कारण पर निर्भर करता है:

1. श्रवण यंत्र (Hearing Aids):

  • सुनने में कठिनाई वाले व्यक्तियों के लिए सहायक उपकरण जो ध्वनि को बढ़ाकर सुनने की क्षमता में सुधार करते हैं

2. कॉक्लियर इम्प्लांट (Cochlear Implant):

  • बहरापन वाले व्यक्तियों के लिए एक शल्यचिकित्सीय उपकरण जो कान के अंदर ध्वनियों को सीधे सुनने की नसों तक पहुंचाता है

3. संचार प्रशिक्षण (Communication Training):

  • सांकेतिक भाषा (Sign Language) का प्रशिक्षण
  • लिप रीडिंग (Lip Reading) का अभ्यास

4. चिकित्सीय हस्तक्षेप (Therapeutic Interventions):

  • ऑडियोलॉजी (Audiology) और स्पीच थेरेपी (Speech Therapy)

5. शैक्षिक और व्यावसायिक समर्थन (Educational and Vocational Support):

  • विशेष शिक्षा कार्यक्रम और प्रशिक्षण
  • नौकरी में सहायक उपकरण और सुविधाएँ

Unit 2: Definition, Causes & Prevention, Types, Educational Implication, and Management

2.1 Locomotor Disability-Poliomyelitis, Cerebral Palsy/Muscular Dystrophy || लोकोमोटर विकलांगता-पोलियोमाइलाइटिस, सेरेब्रल पाल्सी/मस्कुलर डिस्ट्रॉफी

2.2 Visual Impairment-Blindness and Low Vision || दृश्य हानि-अंधता और कम दृष्टि

2.3 Hearing Impairment-Deafness and Hard of Hearing || श्रवण हानि-बहरापन और सुनने में कठिनाई

2.4 Speech and language Disorder || वाणी और भाषा विकार

2.5 Deaf-blindness and multiple disabilities || बहरा-अंधता और बहु-विकलांगता

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